The Role of the Subconscious Mind

अवचेतन मन के कार्य (The Role of the Subconscious Mind) –

दोस्तों आज हम अवचेतन मन के कार्य के बारे में बात करेंगे (The Role of the Subconscious Mind) आज हम जानेंगे अवचेतन मन (Subconscious Mind) किन-किन कार्यों को करता है।

चलना-फिरना, हिलना या संवेदना (Body Movement / Mobility) –
यह दोनों कार्य हमारे चेतन और अवचेतन मन करते है किन्तु जब हम जागृत अवस्था में होते हैं तब शरीर का हलन चलन और संवेदना पर नियन्त्रण चेतन मन के पास होता है और जब हम नींद में होते हैं तो यही काम हमारा अवचेतन मन करता है l

त्वरित प्रतिक्रिया (Quick Response) –
अवचेतन मन की शक्ति हमें आपातकालीन स्थितियों में बचाती है जैसे हम आग पर पैर पड़ते ही कि अचानक हटा लेते हैं, सांप को देखकर उल्टे पाँव भाग खड़े होते हैं, सीड़ियों से गिरते गिरते संभल जाते हैं और जितने भी त्वरित निर्णय हम लेते हैं वह अवचेतन मन के द्वारा ही लिए जाते हैं क्योंकि चेतन मन के द्वारा अक्सर वो निर्णय लिए जाते हैं

जिनमें हमें सोचने समझने का समय मिलता है या हम जिनके बारे में सोच कर समझ करके निर्णय लेते हैं पर जब ऐसी स्थिति होती है जिनमें हम कुछ सोच नहीं या कुछ सोचने समझने का समय नहीं होता और बिना सोचे समझे ही हमें तुरंत निर्णय लेना होता है या अपनी प्रतिक्रिया देनी होती है तो ऐसे सारे त्वरित प्रतिक्रिया वाले कार्य हमारा अवचेतन मन करता है l

दूर संवेदना (Telepathy) –
हमारे मन मस्तिष्क में एक प्रकार का ट्रांसमीटर और एक रिसीवर फिट करके रखा हुआ है जो इतना शक्तिशाली है कि पूरे ब्रह्मांड में इतनी शक्तिशाली मशीन किसी इंसान ने नहीं बनाई है किन्तु हम इस मशीन को चलाना नहीं जानते इसलिए इनकी शक्तियों से अनजान है इस पद्धति के उपयोग से हम दूसरे व्यक्तियों के मन की बात जान सकते हैं एवं सिर्फ अपने विचारों से या अपने मन के द्वारा उनसे दूर रहकर भी बात कर सकते हैं l

इस पद्धति के बारे में आगे के चरणों (लेख) में अलग बात करेंगे l

यादशक्ति (याददाश्त) (Memory) –

याद शक्ति के 3 स्टेप होते है l

  1. रजिस्टर (Register)
    2. स्टोरेज (Storage)
    3. याद करना (Recalling)

रजिस्टर (Register) और रिकालिंग (Recalling) चेतन मन की विषय वस्तु है जबकि स्टोरेज (Storage) अवचेतन मन से जुड़ा होता है यदि स्टोरेज सही तरीके से हुआ है तो रिकालिंग आसान हो जाती है l

आगे के चरणों में (लेख) में हम याद शक्ति के बारे में विस्तार से बात करेंगे जो आप सभी के लिए काफी मददगार होगा l

अंतरात्मा की आवाज या मन की आवाज (Inner Voice) –
हम जब भी कोई गलत कार्य करते हैं तो अंदर से आवाज आती ही यह गलत है l इंसान को गलत कार्य से रोकने के लिए उसके भीतर यह रडार सेट है जो अवचेतन मन के नियंत्रण में है l अवचेतन मन हमें अप्रत्यक्ष रूप से कोई भी गलत कार्य करने से पहले सचेत जरूर करता है या मना करता है।

जिसे हम आम भाषा में कहते हैं कि “मेरा मन नहीं मान रहा है या इस काम को करते हुए मेरा दिल इसे करने के लिए गवाही नहीं दे रहा है इत्यादि l इस तरह की जो हम आम भाषा में इन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं यह सब हमारे अवचेतन मन की ही द्वारा होता है l

त्रिकाल ज्ञान (Time Knowledge) –
हमारे अवचेतन मन से भूत, भविष्य, वर्तमान कुछ भी नहीं छुपा है l यह त्रिकालदर्शी है यह भविष्य की घटनाओं को भांप लेता है और कभी कबार हमें सचेत भी करता है l संजय ने महाभारत की भविष्यवाणी इसी आधार पर की थी और इसी के आधार पर नास्त्रेदमस इतना प्रसिद्ध हुआ l

भावनात्मक गुणक – EQ (Emotional Quotient) –

emotional quotient
Emotional Quotient

उच्च IQ ही एक मात्र सफलता का मानक नहीं है बल्कि EQ व्यक्ति को सफल बनाता है l उच्च शिक्षित व्यक्ति भी कभी कभार कम EQ के कारण संस्था को बड़ी हानि पहुंचाते हैं l

अभिनेत्री दिव्या भारती, हिटलर, गुरुदत्त साहब भले ही बहुत ही उच्च व्यक्तित्व थे पर इनमें EQ उच्च नहीं था इस कारण इन सब ने आत्महत्या की EQ बढ़ाने के लिए सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाना होगा।

भावनाएँ मुख्यतः दो प्रकार की होती है – एक सकारात्मक भावना और दूसरी नकारात्मक भावना

प्रेम, दया, क्षमा, कृतज्ञता, प्रफुल्लित, करुणा यह सब सकारात्मक भावनाएं है l वहीं दूसरी और डर, क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, दुःख, चिंता, निर्दयता आदि नकारात्मक भावनाएँ है l

आयोजन करना (Organizing) –

ज्यादातर प्लानिंग हम चेतन मन से करते हैं इसको ह्यूमन (मानवीय) प्लानिंग कहते हैं जिसमें हम अक्सर फेल हो जाते हैं और तब हम कहते हैं – “Man Proposes but God Disposes” ईश्वर की इच्छा के आगे मनुष्य दुर्बल है
किंतु जब हम अर्धजागृत मन से प्लानिंग करते हैं तो यह दिव्य प्लानिंग (Divine Planning) होती है जो हर हाल में पूरी होती ही है l

*(अर्धजाग्रत अवस्था हमारे ध्यान की अथवा स्वपनों (निंद्रा) की अवस्था है) जिसके बारे में हम आगे के लेख में कुछ विस्तार से समझेंगे l)

अवसर खड़े करना (Opportunity) –
हमारा अवचेतन मन हमारे लिए अवसर सृजन करता है या अवसर खड़े करता है l

बुद्धिमत्ता (Wisdom) –
सही समय पर सही निर्णय लेना ही अवचेतन मन की विशेषता है जब भी आप किसी गफलत या मुसीबत में पढ़ने वाले हो निर्णय आप अवचेतन मन पर छोड़ दें यह आपके विश्वासों के अनुरूप सबसे उच्चतम रिजल्ट लाएगा l

मानसिक घड़ी (Mental Clock) –
दोस्तों हमारे अवचेतन मन के पास एक नैन्सर्गिक घड़ी है जो की हमारे विचारों एवं अपने निश्चयों के अनुरूप काम करती है l

चिकित्सा शक्ति (Healing Power) –
मैंने एक ऐसे व्यक्ति के बारे में पढ़ा है जिसने लगातार सोच सोच कर अपने शरीर में कैंसर उत्पन्न कर लिया था और कैंसर भी इतना भयानक कि बड़े से बड़े डॉक्टर ने जवाब दे दिया था बाद में उस व्यक्ति को ‎Louise L. Hay कि “You Can Heal Your Life” किताब मिली जिसे पढ़कर वह पूरी तरह से समझ गया और अपने एहसास और भावनाओं को बदला फिर 2 महीने बाद कैंसर जड़ से खत्म ही हो गया l अवचेतन मन के इस चमत्कार से तो डॉक्टर तक हैरान रह गए l

नोट – दुनिया की सबसे शक्तिशाली चिकित्सा शक्ति हमारे अवचेतन मन के पास है यह कोई भी बीमारी उत्पन्न कर सकता है तथा उसे ठीक भी कर सकता है l

इच्छा मृत्यु (Wish Death) –
अपने अवचेतन मन पर नियंत्रण कर हम अपनी मृत्यु खुद चुन सकते हैं कि कहां मरना है, कब मरना है, किस स्थति में मरना है l दोस्तों शायद आपने ऐसा देखा होगा की जब डॉक्टर ने रोगी को मरणासन्न स्थिति में घर पर भेज दिया हो और रोगी बच गया हो l महाभारत में भीष्म पितामह अपने अवचेतन मन की शक्ति का उपयोग बखूबी जानते थे l

*यहाँ इच्छा मृत्यु या मरणासन्न स्थिति में भी व्यक्ति के बिक्लुल ठीक हो जाने का सीधा सम्बन्ध उसकी “इच्छा शक्ति” Willpower से है l जो की हमारे अवचेतन मन का ही एक भाग है l

आध्यात्मिकता का अंक (SQ) –
मन, वचन, कर्म की एकरूपता जो औरों को ख़ुशी दे वही आध्यात्मिकता है l

चुंबकीय शक्ति (Attraction) –
हम सभी एक चुंबक हैं और अपने जीवन में हर उस चीज को अपनी और आकर्षित कर सकते हैं जो हमें पसंद है किंतु इस चुम्बक को हमें हमेशा सक्रीय करके रखना होगा इसके लिए “दोहराना और पाना” तकनीक अपनाना पड़ेगा जैसे आपको जो चाहिए बस उसके बारे में सोचा करें, पैसा चाहिए तो पैसा, पैसा l पावर चाहिए तो पावर अविरत कहते रहे यह हर हाल में आप की दुनिया में प्रकट होगा यह हर हाल में होगा ही l

दर्द नियंत्रक (Pain Control) –
शरीर के किसी भी अंग के दर्द पर नियंत्रण करना हमारे अवचेतन मन के नियंत्रण में है l

इच्छा पूरी करने वाला (Wish Fulfiller) –
दोस्तों हर धर्म में ईश्वर से हम क्या चाहते हैं प्रेरणा, ऊर्जा, मार्गदर्शन, यह सब अवचेतन मन हमें देता है इसलिए हम इसे हर एक व्यक्ति का निजी भगवान या इच्छा पूरक मान सकते है l

रचनात्मक सोच (Creative Thinking) –
साधारण सोच – चेतन मन से
रचनात्मक सोच – अवचेतन मन से

स्वास्थ्य (Health) –
जब भी आपसे कोई पूछता है कैसे हो आप क्या कहते हो “अच्छा हूँ” “ठीक हूँ” “सब ठीक है” “सब बढ़िया है” यह कहने का तात्पर्य आप अपने अवचेतन मन को कह रहे है कि सब ठीक है कुछ करने की जरूरत नहीं अवचेतन मन हमारे ऑटोनॉमस नर्वस सिस्टम (शारीर के तंत्रिका तन्त्र) पर पूरा नियंत्रण रखता है जो हमारे शरीर में पाचन, श्रवण हार्मोन पैदा करता है एवं इन सब को पैदा करने और आदि को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होता है जब भी हम चेतन मन के माध्यम से कोई भी नकारात्मक आदेश चेतन मन को देते हैं तो बीमारी पैदा होती है l

अच्छे स्वास्थ्य के लिए आप सदैव अपने अवचेतन मन को अच्छे सुझाव देते रहें l आप नीचे सुझाया गया वाक्य बोल सकते है l

“मेरा स्वास्थ्य कल जितना अच्छा था, आज उससे भी और ज्यादा अच्छा है”

आशा है कि आपको मेरी ये पोस्ट The Role of the Subconscious Mind (अवचेतन मन के कार्य) पसंद आयी होगी आप अपने अमूल्य विचार मुझसे शेयर ज़रूर कीजियेगा। मुझे आपके कमैंट्स का इंतज़ार रहेगा।