मन के प्रकार – (Types of Mind)

Types of Mind
चेतन – अवचेतन मन का मानक चित्रण (काल्पनिक)

मन के प्रकार (Types of Mind) को समझने से पहले हमें यह समझना कि हमारे मन का विभाजन कोई वास्तविक भौतिक विभाजन नहीं है अर्थात मन का विभाजन किसी भौतिक आधार पर नहीं किया जाता बल्कि यह तो मनोविज्ञान की अवधारणा है या फिर ये कहें की मन की अवधारणाएँ है l

मनोविज्ञान (Psychology) में मनुष्य के मन को अलग अलग भागों में रखा गया है या माना गया है l यद्धपि भिन्न भिन्न विद्वान मन के दौ से ज्यादा भाग या अपने अनुसार मन को आगे के भागों में विभाजित करते है, किन्तु मुख्य रूप से मन को दो भागों में माना जा सकता है, जिनकी की हम यहाँ चर्चा करेंगे l

  1. चेतन मन (Conscious Mind)
  2. अवचेतन मन (Subconscious Mind)

मनोविज्ञान की इस अवधारणा को समझकर हम अपने जीवन में अकल्पनीय और चमत्कारिक रूप से बहुत बड़े बड़े परिवर्तन ला सकते है l चेतन मन (Conscious Mind) हमारी चेतन या सक्रीय (Active) अवस्था है जिसमे हम सोच-समझकर, विचारपूर्वक और अपने तर्क के आधार पर निर्णय लेते है या कोई कार्य करते है l

वहीँ दूसरी ओर अवचेतन मन (Subconscious Mind) तर्क एवं सोच समझकर निर्णय नहीं लेता बल्कि यहाँ हमारे पिछले अनुभवों एवं अवधारणाओं के आधार पर स्वचालित (Automatic) तरीके से कार्य करता है l

चेतन मन हमारी जाग्रत अवस्था में ही काम करता है लेकिन हमारा अवचेतन मन जब हम सो जाते है उसके बाद भी काम करता है अर्थात हमारा अवचेतन मन लगातार 24 घंटे काम करता है l

स्पष्टीकरण (Explanation)

जब भी कोई व्यक्ति पहली बार साईकिल चलाना सीख रहा होता है तब उसे साईकिल को बड़े ही ध्यानपूर्वक नियंत्रित करना पड़ता है l शुरुआत में वहा संतुलन नहीं बना पाता और अपना पूरा धयान उस साईकिल पर केन्द्रित कर अपना पूर्ण नियंत्रण बनाने की कोशिश करता है l

लेकिन जब वही व्यक्ति कुछ दिनों बाद साईकिल चलाना सीख जाता है तब उसे साईकिल को नियंत्रित करने के बारे में पहले जितना सोचने की और ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता नहीं होती, अब वह साईकिल अप्रत्यक्ष रूप से अपने आप नियंत्रित हो जाती है यहाँ तक की अब तो वही व्यक्ति अपने मित्रों से बातें करते हुए या कुछ और काम करते हुए भी साईकिल चला सकता है l

अब यहाँ समझने वाली बात यह है की जब व्यक्ति पहली बार साइकिल चलाना सीख रहा होता है तब वह चेतन मन (Conscious Mind) उपयोग में ले रहा होता है और जब वह सीखने के दौरान और सीखने के बाद यही कार्य बार बार दोहराता रहता है तो अब ये अनुभव उसके अवचेतन मन (Subconscious Mind) में अप्रत्यक्ष रूप से संग्रहित (Store) होते रहते है, और समय के साथ साथ चेतन मन की जगह अवचेतन मन ले लेता है l

हमारा अवचेतन मन एक ऑटोपायलट सिस्टम (Autopilot System) की तरह है जो अपने आप स्वचालित तरीके से अप्रत्यक्ष रूप से निरंतर कार्य करता रहता है l सभी स्वचालित कार्यों जैसे स्वांस (साँस) लेना, दिल का धड़कना, नींद में सपने आना आदि कार्य अवचेतन मन के है द्वारा ही किये जाते है l हमारी आदतें एवं रोज़बरोज़ के सभी कार्यों में अवचेतन मन का महत्वपूर्ण योगदान है l