मस्तिष्क क्या है ? (What is Mind ?)
मनुष्य हमेशा इस बारे में विचार करता रहा है कि आखिर मस्तिष्क क्या है ? (What is Mind ?) तो इसे समझने के लिए हमें सर्वप्रथम ये समझना आवशयक है की इस श्रृष्टि का सबसे शक्तिशाली प्राणी “मानव” अर्थात हम हैं, और मानव की इस उपलब्धि एवं उपाधि के लिए उसका मस्तिष्क उत्तरदायी है।
ये मानव मस्तिष्क ही है जो मानव को सभी जीवों में सर्वश्रेष्ट बनाता है। हमारे आदि मानव से आधुनिक मानव बनाने में सर्वाधिक योगदान मानव मस्तिष्क का ही है। जैसे जैसे हमारी दिमागी समझ बढती गयी वैसे वैसे हम प्रगतिपथ पर आगे बढते गए और आधुनिक मानव उसी क्रम की एक अवस्था है।
सतही तौर पर यदि मानव मस्तिष्क को समझा जाये तो यह भी मानव अंगो की तरह ही हमारी शारीरिक बनावट में ही शरीर का एक आंतरिक भाग है। वास्तव में मानव मस्तिष्क हमारे शरीर का एक आंतरिक किन्तु एक भौतिक अंग है जिसे हम देख सकते है छू सकते है।
किन्तु वहीँ हमारा “मन” एक ऊर्जा है जो की इस मस्तिष्क के द्वारा उत्पन्न होती है और जिसे केवल महसूस ही किया जा सकता है किन्तु मूर्त रूप से देखा या छुआ नहीं जा सकता। गहराई से समझने पर हमें ज्ञात होगा की हमारा मस्तिष्क केवल एक मशीन है जो की विचार रुपी उर्जा उत्त्पन्न करता है, और ये विचार ही इस श्रृष्टि में मानव के द्वारा किये जाने वाले हरेक कार्य के लिए उत्तरदायी है।
हमारे द्वारा किये जाने वाले छोटे से छोटे एवं बड़े से बड़े कार्य के मूल में केवल और केवल मानव “मन” या हमारे “विचार” ही है। अगर मन और मस्तिष्क को और भी सरल भाषा में समझना हो तो कहा जा सकता है की हमारा मस्तिष्क एक हार्डवेयर (Hardware) है और हमारा मन/विचार (Mind/Thoughts) सॉफ्टवेर (Software) है।


हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए अति आवश्यक है की हम यह समझें की हमारा मन कैसे कार्य करता है और हम हमारे मन की शक्ति को समझकर अपने जीवन को कैसे और बेहतर बना सकते है।
जिस प्रकार बिजली का गलत उपयोग होने से शोर्ट सर्किट या विस्फोट जैसी अप्रिय घटनाये घटित हो जाती है ठीक वैसे ही कई बार मन की इस शक्ति का दुरूपयोग होने या करने से जीवन में समस्याएँ भी उत्त्पन्न हो जाती है अतः आवश्यक है की हम इसके बारे ठीक तरह से जाने एवं समझें।